माले, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने देश की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी।
चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत आए थे।
मोदी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार का नेतृत्व करते हुए रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और मॉरीशस के राष्ट्रपति प्रविंद कुमार जगन्नाथ सहित भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के शीर्ष नेताओं ने इस समारोह में भाग लिया।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, मुइज्जू अपनी आधिकारिक यात्रा संपन्न कर मंगलवार सुबह वापस माले पहुंच गए।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “राष्ट्रपति जी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर भारत सरकार के प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत आए हैं।”
इसमें कहा गया है, “यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू ने भारत की राष्ट्रपति, महामहिम द्रौपदी मुर्मू द्वारा अतिथि गणमान्य व्यक्तियों के सम्मान में आयोजित भोज में भाग लिया।”
इसमें कहा गया, “दोनों राष्ट्रपतियों के बीच एक बैठक भी हुई जिसमें उन्होंने मालदीव और भारत के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की।”
इस बैठक के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने नई सरकार और मालदीव के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विश्वास जताया कि मुइज़्ज़ू के नेतृत्व में द्वीप राष्ट्र समृद्धि और विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा।
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक और बहुआयामी संबंधों पर चर्चा की तथा लोगों के बीच संपर्क, क्षमता निर्माण सहयोग, आर्थिक और व्यापारिक संबंध तथा विकास सहयोग सहित हमारे व्यापक द्विपक्षीय सहयोग के महत्वपूर्ण स्तंभों पर प्रकाश डाला।”
मुर्मू ने आशा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में भारत-मालदीव संबंध और मजबूत होंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी मुइज्जू से मुलाकात की।
जयशंकर ने एक्सएनयूएमएक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आज नई दिल्ली में मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात कर प्रसन्नता हुई। भारत और मालदीव के साथ मिलकर काम करने की आशा है।”
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, मुइज्जू के साथ सरकार का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया था।
बयान में कहा गया, ‘‘17 नवंबर 2023 को पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है।’’
अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत, जिन्होंने पदभार ग्रहण करने के बाद सबसे पहले नई दिल्ली का दौरा किया था, मुइज्जू ने पहले तुर्की की यात्रा की तथा जनवरी में अपनी पहली राजकीय यात्रा के लिए चीन का दौरा किया।
भारत और मालदीव के बीच संबंध उस समय से गंभीर तनाव में आ गए थे, जब चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू ने शीर्ष पद का कार्यभार संभाला था।
शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने अपने देश से तीन विमानन प्लेटफॉर्म संचालित करने वाले सभी भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी। पिछले महीने भारतीय सैन्य कर्मियों की जगह भारतीय नागरिकों को नियुक्त किया गया।
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