लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को कहा कि लोगों को किसी भी समुदाय या धर्म से संबंधित राजा, महाराजा, संत और गुरुओं से संबंधित किसी भी मामले में सकारात्मक सोचना चाहिए, लेकिन “राजनीतिक स्वार्थमायावती का इशारा महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में 26 अगस्त को मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहाए जाने की घटना की ओर था।
मायावती ने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, “उनकी मूर्तियों की स्थापना और नामकरण सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ किया जाना चाहिए, न कि उनके पीछे किसी प्रकार की दुर्भावना या राजनीतिक स्वार्थ छिपा हो, जो अब दिख रहा है। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र की तरह किसी अन्य राज्य में भी अगर कोई मूर्ति गिरती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और इसकी आड़ में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, यही बेहतर होगा।’’
मायावती ने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, “उनकी मूर्तियों की स्थापना और नामकरण सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ किया जाना चाहिए, न कि उनके पीछे किसी प्रकार की दुर्भावना या राजनीतिक स्वार्थ छिपा हो, जो अब दिख रहा है। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र की तरह किसी अन्य राज्य में भी अगर कोई मूर्ति गिरती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और इसकी आड़ में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, यही बेहतर होगा।’’
सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ महीने पहले किया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसके ढहने के पीछे “तेज हवाओं” को जिम्मेदार ठहराया।
प्रतिमा के ढहने से महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है और विपक्ष ने शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है।
छत्रपति शिवाजी की मूर्ति ढहने के मामले में वांछित मूर्तिकार-ठेकेदार जयदीप आप्टे को बुधवार को ठाणे जिले के कल्याण से गिरफ्तार कर लिया गया।