नई दिल्ली: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ में आयोजित “पार्टनरशिप कॉन्क्लेव” में सतत विकास को आगे बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने में प्रौद्योगिकियों, सरकारी योजनाओं और निजी क्षेत्र की भागीदारी की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला।

यह कार्यक्रम विश्व बैंक और गेट्स फाउंडेशन की साझेदारी में आयोजित किया गया था। सम्मेलन में विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

राज्य की चुनौतियों और उपलब्धियों का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों और कृषि क्षेत्र को नई प्रौद्योगिकियों और संसाधनों के साथ एकीकृत करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसान अब सौर पैनल स्थापना जैसी नई पहल के माध्यम से सशक्त हैं।

उन्होंने एन्सेफलाइटिस के उन्मूलन पर भी प्रकाश डाला; उत्तर प्रदेश में एक बीमारी को कभी “मौत का कारण” माना जाता था। योगी ने बताया, “2017 से पहले, इस बीमारी ने सालाना 1,500 से 2,000 बच्चों की जान ले ली थी। हालांकि, राज्य सरकार और डब्ल्यूएचओ, गेट्स फाउंडेशन और यूनिसेफ जैसे संगठनों के संयुक्त प्रयासों से, तीन साल के भीतर एन्सेफलाइटिस को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया था।” सभा।

सीएम योगी ने इस उपलब्धि का श्रेय प्रभावी शासन, प्रौद्योगिकी के उपयोग और सक्रिय जन भागीदारी को दिया, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य ने अब एन्सेफलाइटिस से होने वाली मौतों को समाप्त कर दिया है।


उन्होंने आगे कहा कि राज्य में सबसे उपजाऊ और प्रचुर जल संसाधनों की उपलब्धता कृषि क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं प्रदान करती है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि राज्य में 89 कृषि विज्ञान केंद्र और 6 कृषि विश्वविद्यालय हैं, जो किसानों को सशक्त बनाने और उन्हें उन्नत प्रौद्योगिकियों से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। योगी ने आगे कहा, “सिंचाई और बिजली की चुनौतियों को प्रभावी ढंग से संबोधित करते हुए लगभग 1 लाख किसानों को सौर पैनल प्रदान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने किसानों के लिए सस्ती बिजली सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण उपाय लागू किए हैं।” उनके अनुसार कृषि क्षेत्र में वांछित वृद्धि हासिल करने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाना जरूरी है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियानों और विस्तार कार्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया कि प्रौद्योगिकी किसानों तक प्रभावी ढंग से पहुंचे।

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