रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पिछले सप्ताह टेलीफोन पर बातचीत की और मॉस्को और नई दिल्ली के बीच मजबूत और समय-सम्मत संबंधों की पुष्टि की। पुतिन ने यह विवरण रूसी सरकार के सदस्यों के साथ बैठक में साझा किया।
रूस ने भारत की प्रगति को सराहा
पुतिन ने भारत-रूस संबंधों की स्थिरता पर जोर देते हुए कहा कि यह “राष्ट्रीय सहमति पर आधारित” हैं। उन्होंने मोदी के नेतृत्व में भारत की शासन और आर्थिक विकास में प्रगति की सराहना की। पुतिन ने कहा कि भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे उच्च आर्थिक वृद्धि दर प्रदर्शित कर रहा है।
मोदी के 75वें जन्मदिन पर बधाई
इस कॉल से पहले पुतिन ने मोदी को उनके 75वें जन्मदिन पर बधाई संदेश भेजा था। संदेश में उन्होंने भारत-रूस विशेष और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में मोदी के व्यक्तिगत योगदान की प्रशंसा की।
सहयोग और संवाद पर जोर
रूसी राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर चल रही महत्वपूर्ण मुद्दों पर रचनात्मक संवाद और संयुक्त कार्य जारी रहेगा।
जयशंकर और लावरोव की मुलाकात
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में चल रहे 80वें UN महासभा सत्र के दौरान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की। रूस के दूतावास ने इसकी पुष्टि की। जयशंकर ने लिखा कि बातचीत में द्विपक्षीय संबंध, यूक्रेन संकट और मध्य पूर्व की हालात पर उपयोगी चर्चा हुई।
परंपरागत साझेदारी का महत्व
MEA के अनुसार, रूस भारत का लंबे समय से भरोसेमंद और समय-सम्मत साझेदार रहा है। अक्टूबर 2000 में “भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी घोषणा” के बाद से दोनों देशों के संबंध भारत की विदेश नीति का प्रमुख स्तंभ बने हुए हैं।