इस साइट का उपयोग करके, आप गोपनीयता नीति और उपयोग की शर्तों से सहमत होते हैं।
स्वीकार करना
hi हिन्दी
en Englishhi हिन्दीpa ਪੰਜਾਬੀta தமிழ்te తెలుగు
देसी खबरदेसी खबर
अधिसूचना और दिखाओ
ताज़ा खबर
Astrology tips: 13 जनवरी को मंगल ग्रह हुए हैं मार्गी, इन 3 राशियों को होगा बड़ा लाभ, कहीं इसमें आप भी तो नहीं…
प्रकाशित जनवरी 15, 2023
अगर आप चाहती हैं खुद को रखना पॉजिटिव तो अब से करें ये Yogasan, दिमाग में आएंगे हमेशा अच्छे विचार
प्रकाशित जनवरी 15, 2023
Meta और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ऑफिस किए खाली, जानें – क्या है इसकी वजह 
प्रकाशित जनवरी 15, 2023
घरेलू वाहन उद्योग इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल कंपोनेंट के लोकेलाइजेशन को दे रहा बढ़ावा, चीन सहित अन्य देशों पर घटेगी निर्भरता
प्रकाशित जनवरी 15, 2023
ऑटो एक्सपो 2023: Zontes 350 सीसी मैक्सी-स्कूटर पेश किए गए
प्रकाशित जनवरी 15, 2023
Aa
  • होमपेज
  • भारत
  • दुनिया
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • जीवन शैली
  • ऑटोमोबाइल
  • श्रद्धा
  • खेल
पढ़ना: लद्दाख गतिरोध पर भारत-चीन के बीच हुई सैन्य वार्ता में चार बिंदुओं पर सहमति बनी : चीनी सेना
शेयर करना
देसी खबरदेसी खबर
Aa
  • भारत
  • दुनिया
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • ऑटोमोबाइल
  • खेल
  • जीवन शैली
  • श्रद्धा
खोज
  • होमपेज
  • भारत
  • दुनिया
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • जीवन शैली
  • ऑटोमोबाइल
  • श्रद्धा
  • खेल
कोई मौजूदा खाता है? साइन इन करें
हमारा अनुसरण करें
देसी खबर > दुनिया > लद्दाख गतिरोध पर भारत-चीन के बीच हुई सैन्य वार्ता में चार बिंदुओं पर सहमति बनी : चीनी सेना
दुनिया

लद्दाख गतिरोध पर भारत-चीन के बीच हुई सैन्य वार्ता में चार बिंदुओं पर सहमति बनी : चीनी सेना

press
press प्रकाशित जुलाई 28, 2022
आखरी अपडेट: 2022/07/28 at 9:15 अपराह्न
शेयर करना
शेयर करना

लद्दाख गतिरोध के दौरान भारत-चीन के बीच बैठक में चार बिंदुओं पर सहमति बनी है. (प्रतीकात्मक फोटो)

बीजिंग:

चीनी सेना (Chinese army) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के साथ हाल में हुई कोर कमांडर स्तर की वार्ता में चार बिंदुओं पर सहमति बनी है, जिनमें द्विपक्षीय संबंधों की बहाली की गति को बनाए रखने, प्रभावी तरीके से मतभेदों का प्रबंधन और सीमा पर स्थिरता को बनाए रखना शामिल है. भारत और चीन पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में जारी गतिरोध पर 17 जुलाई को हुई 16वें दौर की वार्ता में गतिरोध के बाकी बिंदुओं को सुलझाने में असफल रहे. लेकिन यथाशीघ्र दोनों तरफ से स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने के लिए संवाद जारी रखने पर सहमत हुए हैं.

वार्ता के एक दिन बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान में दोहराया कि लंबित मुद्दों के समाधान से इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति बहाल करने में मदद मिलेगी और इससे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति होगी.दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वार्ता के दौरान भारत ने इलाके में गतिरोध के सभी बिंदुओं से सैनिकों को यथाशीघ्र पीछे ले जाने और अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल करने पर जोर दिया. उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 के बाद चीन के साथ गतिरोध शुरू हुआ था.

भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर के 16वें दौर की वार्ता पर टिप्पणी करते हुए चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता व वरिष्ठ कर्नल वु कियान ने कहा कि दोनों पक्षों ने ‘सरकारात्मक और आगे बढ़ने के लिए मुद्दों पर चर्चा की और चार बिंदुओं पर सहमति बनी.’चीनी सेना की आधिकारिक वेबसाइट ‘चाइना मिलिट्री ऑनलाइन’ पर कर्नल वु के हवाले से कहा गया कि कमांडरों की बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध के बिंदुओं को लेकर चर्चा की गई. उन्होंने ऑनलाइन मीडिया को बृहस्पतिवार को दी गई जानकारी में कहा कि वे चार बिंदुओं पर ‘सहमति’ पर पहुंचें.

सहमति के बिंदुओं के बारे में विस्तार से बताते उन्होंने कहा कि पहला बिंदु राजनीतिक निर्देशन का अनुपालन करना और दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी अहम सहमति को गंभीरतापूर्वक लागू करना शामिल है. दूसरी सहमति पूरी स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना और द्विपक्षीय संबंधों की गति बनाए रखना है. उन्होंने कहा कि तीसरी सहमति प्रभावी तरीके से मतभेदों का प्रबंधन व नियंत्रण करना है और समस्या का समाधान होने तक सीमावर्ती इलाके में सुरक्षा और स्थिरता को कायम रखना है.

कर्नल वु ने बताया कि चौथी सहमति दोनों पक्षों के बीच संवाद बनाए रखने पर बनी है ताकि यथाशीघ्र दोनों पक्ष को स्वीकार्य समाधान तक पहुंचा जा सके. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भारत और चीन के सीमावर्ती इलाके में स्थिति आमतौर पर स्थिर है और दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता कभी नहीं रुकी.

गौरतलब है कि पैंगोंग झील इलाके में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को पूर्वी लद्दाख से लगती सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा हुई. इसके बाद दोनों देशों ने धीरे-धीरे इलाके में सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ाई. कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने गोगरा इलाके के पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिण किनारों से पिछले साल सैनिकों को पीछे बुला लिया.एलएसी के संवेदनशील इलाकों में इस समय दोनों देशों की ओर से 50 से 60 हजार सैनिकों की तैनाती है.

ये भी पढ़ें:

 

“अचानक निकल गया, चूक हो गई”: ‘राष्ट्रपत्नी’ विवाद पर अधीर रंजन चौधरी की सफाई

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

press जुलाई 28, 2022
इस लेख का हिस्सा
Facebook Twitterईमेल छाप
तुम क्या सोचते हो?
प्यार0
उदास0
प्रसन्न0
उनींदा0
नाराज़0
मृत0
आँख मारना0

शायद तुम्हे यह भी अच्छा लगे

दुनिया

Meta और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ऑफिस किए खाली, जानें – क्या है इसकी वजह 

प्रकाशित जनवरी 15, 2023
दुनिया

‘‘जल्द करूंगा भारत की यात्रा ’’ : तीसरी बार नेपाल के PM बने पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’

प्रकाशित जनवरी 15, 2023
दुनिया

“महिलाओं के अधिकार प्राथमिकता नहीं”: शिक्षा और काम पर प्रतिबंध वापस लेने की मांग पर बोला तालिबान

प्रकाशित जनवरी 15, 2023
दुनिया

“हमारे पास बस यही एक विकल्प…”; देश को आर्थिक कंगाली से उबारने पर श्रीलंका के राष्ट्रपति

प्रकाशित जनवरी 15, 2023
  • व्यवसाय
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • तकनीकी
  • मनोरंजन
  • गोपनीयता नीति
  • संपर्क करना

© 2022 देसी खबर। सर्वाधिकार सुरक्षित।

Removed from reading list

पूर्ववत
Welcome Back!

Sign in to your account

आपका पासवर्ड खो गया है?