मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने दिल्ली में आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेगा और मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पर राजनीति करने का आरोप लगाना अनुचित है और किसी भी तरह के भ्रम फैलाने वाले प्रयासों का जवाब दिया जाएगा।

ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि “वोट वही डालते हैं जिनके नाम मतदाता सूची में हैं और हर मतदाता को मतदान करना चाहिए। मीडिया को मतदाताओं की फोटो बिना अनुमति नहीं दी गई और वोट चोरी जैसे शब्दों का गलत इस्तेमाल करके जनता को गुमराह किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं और आयोग वोटरों के लिए चट्टान की तरह खड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि त्रुटि सुधार की प्रक्रिया (SIR) बिहार से शुरू की गई है और इसमें मतदाता नाम जोड़ने या हटाने का काम जारी है। अब तक 28,370 आपत्तियां प्राप्त हुई हैं और जिन लोगों के नाम प्रारूप सूची में सही नहीं हैं, वे 15 दिनों के भीतर फार्म भरकर जमा कर सकते हैं।

CEC ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयोग पर लगाए जा रहे मिथ्या आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि “दोहरे वोट के आरोप लगाए गए, लेकिन जब सबूत मांगे गए तो कोई जवाब नहीं मिला। चुनाव आयोग किसी भी मिथ्या आरोप से डरता नहीं।”

उन्होंने यह भी बताया कि बिहार के 7 करोड़ मतदाता चुनाव आयोग के साथ हैं और आयोग संविधान के अनुरूप निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

न कोई पक्ष, न कोई विपक्ष...राहुल के वोट चोरी वाले आरोप पर चुनाव आयोग का जवाब, सुनिए !

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