वह कोई और नहीं बल्कि वरुण आरोन (Varun Aaron) थे. अपने करियर के शुरूआती दिनों में आरोन 150 किलोमीटर प्रतिघंटे से ज्यादा की रफ्तार के साथ गेंद फेंकते थे, जिसके कारण ही उन्हें टीम इंडिया में एंट्री मिली थी. आरोन को 15 साल की उम्र में टेलेंट स्काउट से पहचान मिली जिसके बाद उनके हुनर को देखनेके बाद वहां के कोच ने उन्हें चेन्नई के एमआरएफ पेस एकेडमी में भेजा गया था.
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बता दें कि वरुण आरोन की गेंदबाजी को देखकर डेनिस लिली काफी प्रभावित भी हुए थे. पेस एकेडमी में आरोन की गेंदबाजी को निखारा गया था. यही नहीं ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुए इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट में वरूण की गेंदबाजी ने सभी को प्रभावित किया था. इस टूर्नामेंट में शानदार गेंदबाजी करने के कारण ही आरोन को भारतीय टीम में शामिल किया गया था.
विजय हजारे ट्रॉफी में फेंकी थी 153 kmph की रफ्तार के साथ गेंद
वरूण आरोन ने साल 2010-22 की विजय हजारे ट्रॉफी में अपनी गेंदबाजी से सुर्खियां बटोरने में सफल रहे थे. इस दौरान गुजरात के खिलाफ फाइनल में उन्होंने 153 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद फेंकी थी जिससे वो भारतीय चयनकर्ताओं के नजर में आ गए थे.
2011 में मिला डेब्यू करने का मौका
तेज गेंदबाज वरूण को साल 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वानखेड़े टेस्ट मैच में डेब्यू करने का मौका मिला था. इसी साल वरूण को वनडे में भी इंग्लैंड के खिलाफ खेलकर डेब्यू मैच खेलने का मौका मिला था. बता दें कि साल 2014 में अरूण को इंग्लैंड के दौरे पर भी ले जाया गया था. काफी कम समय में उनकी तेज गेंदबाजी को देखकर चयनकर्ताओं ने उन्हें सीनियर टीम में जगह दे दी थी. यही पर चयनकर्ताओं से गलती हो गई थी.
चोट ने लगभग खत्म कर दिया करियर
अपने छोटे से करियर के दौरान वरुण आरोन को काफी चोटे लगी जिसने उनके करियर पर विराम सा लगा दिया. चोटिल होने के कारण आरोन की तेज गेंदबाजी की तय धीरे-धीरे खोती रही. एक समय जो गेंदबाज तेज गेंदे से विरोधी बल्लेबाजों को डरा रहा था वह गेंदबाज अब बिल्कुल चौंकाने वाला नहीं रहा था. समय-समय पर चोटिल होने के कारण वरूण लगातार भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाए और यही कारण रहा कि 2015 में आखिरी टेस्ट मैच खेलने के बाद से वो टीम से बाहर हैं.
फर्स्ट क्लास करियर में
वरूण आरोन ने अबतक अपने फर्स्ट क्वलास करियर में 167 विकेट लेने में सफल रहे हैं. टी-20 में उनके नाम 89 विकेट दर्ज है. वहीं, भारत के लिए आरोन ने 9 टेस्ट मैच में 18 विकेट लिए, वनडे में 11 विकेट लेने में सफल रहे हैं. अब आरोन का इंटरनेशनल करियर लगभग खत्म सा हो गया है. उनका टीम में आना मुश्किल है.
उमरान के लिए बनानी होगी रणनीति
हाल के समय में उमरान मलिक को आयरलैंड के खिलाफ मौका दिया गया लेकिन वहां वो प्रभावित नहीं कर पाए, ऐसे में उन्हें टीम से फिर से बाहर कर दिया गया है. कई पूर्व दिग्गजों का मानना है कि उनके करियर को बड़ा बनाना है तो उनकी विशेष देखभाल होनी बहुत जरूरी है वरना जो हार आरोन का हुआ है वही हाल कहीं उमरान का न हो जाए. इसलिए उमरान के लिए अलग रणनीति बननी होगी और उन्हें बड़े मैचों के लिए तैयार करनी होगी.
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