एक्स से बात करते हुए गांधी ने कहा, “नरेंद्र मोदी देश पर हमला कर रहे हैं।” संविधान संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के बजाय ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (आरएसएस) के माध्यम से लोक सेवकों की भर्ती करके। पार्श्व प्रविष्टि के माध्यम से विभिन्न केंद्रीय सरकारी मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों के लिए भर्ती करके, एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के आरक्षण को खुले तौर पर कमजोर किया जा रहा है।”
गांधी ने बताया कि हाशिए पर पड़े समुदायों का पहले से ही शीर्ष नौकरशाही पदों पर प्रतिनिधित्व कम है, तथा तर्क दिया कि नई नीति उन्हें उन अवसरों से वंचित कर देगी जिनके वे हकदार हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि देश में शीर्ष नौकरशाही और अन्य वरिष्ठ पदों पर वंचितों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। इस प्रतिनिधित्व को बेहतर बनाने के बजाय, पार्श्व प्रवेश उन्हें इन शीर्ष पदों से और दूर कर रहा है।”
उन्होंने कहा, “यह यूपीएससी की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के अधिकारों पर सीधा हमला है और वंचितों के लिए सामाजिक न्याय और आरक्षण की अवधारणा पर प्रहार है।”
गांधी ने चेतावनी दी कि पार्श्व प्रवेश प्रणाली “प्रतिभाशाली युवाओं के अधिकारों की लूट” तथा सामाजिक न्याय की अवधारणा पर हमला है।
उन्होंने कहा, “निर्णायक सरकारी पदों पर कॉर्पोरेट प्रतिनिधि क्या कर सकते हैं, इसका ज्वलंत उदाहरण सेबी है, जहां पहली बार निजी क्षेत्र के किसी व्यक्ति को अध्यक्ष नियुक्त किया गया।”
उन्होंने कहा, “यह राष्ट्रविरोधी कदम, जो प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को नुकसान पहुंचाता है, इसका भारत ब्लॉक द्वारा कड़ा विरोध किया जाएगा। ‘आईएएस का निजीकरण’ मोदी की आरक्षण समाप्त करने की ‘गारंटी’ है।”
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है। इनमें 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव पद शामिल हैं। इन पदों को अनुबंध के आधार पर लेटरल एंट्री मोड के जरिए भरा जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि यह केंद्र द्वारा की जा रही लेटरल भर्ती की सबसे बड़ी किस्त है।
परंपरागत रूप से, ये पद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) और अन्य ग्रुप ए सेवाओं के अधिकारियों द्वारा भरे जाते हैं।