लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए महिलाओं को खतरनाक श्रेणी के सभी 29 प्रकार के कारखानों में काम करने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिससे प्रदेश की महिलाओं को औद्योगिक क्षेत्र में नई भागीदारी और अवसर मिल सकेंगे।
अब तक सीमित थी अनुमति
श्रम मंत्री अनिल राजभर ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक देशभर में 29 प्रकार के खतरनाक श्रेणी के कारखानों में महिलाओं के काम करने पर प्रतिबंध था। इनमें से केवल 12 श्रेणियों में ही महिलाओं को विशेष नियमों के तहत काम करने की छूट थी। हाल ही में 4 और श्रेणियों में महिलाओं को अनुमति प्रदान की गई थी। अब इस ताजा निर्णय में महिलाओं को सभी 29 प्रकार के खतरनाक श्रेणी के कारखानों में नियोजित किए जाने का रास्ता साफ कर दिया गया है।
उद्योगों की मांग और तकनीकी विस्तार को देखते हुए फैसला
श्रम मंत्री ने बताया कि यह फैसला तकनीकी विस्तार, इंडस्ट्री की मांग और रोजगार के बढ़ते अवसरों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उद्योग जगत में भी उनकी भागीदारी बढ़ रही है। ऐसे में नियमों में बदलाव जरूरी था।
स्वास्थ्य और सुरक्षा का रखा जाएगा पूरा ध्यान
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह अनुमति कुछ विशेष शर्तों और सुरक्षा मानकों के अधीन दी गई है। यानी महिला श्रमिकों की स्वास्थ्य, सुरक्षा और सुविधा का पूरी तरह ध्यान रखा जाएगा। कारखानों को निर्धारित सेफ्टी गाइडलाइंस का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
महिलाओं की भागीदारी से वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का सपना मजबूत
मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि योगी सरकार का लक्ष्य है कि महिलाएं उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने में सहभागी बनें। उन्हें समान अवसर देकर राज्य की विकास यात्रा को और तेज किया जाएगा।